जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए वित्त मंत्रालय सतर्क! सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों के संबंध में जानकारी!!

GST 4 YOU
     जीएसटी परिषद द्वारा सुझाव  के बाद जिन वस्तूओंकीं की जीएसटी दरें तर्कसंगत और कम की गई हैं, उन वस्तुओं के वाणिज्यिक और व्यापारिक आपूर्तिकर्ताओं द्वारा दरों में कमी का लाभ  उपभोक्ताओं तक पहुंचाया जा सके, इसके लिये केंद्र सरकार ने एक समन्वित कर प्रशासन तंत्र स्थापित किया है । जीएसटी दरों में कमी के बाद, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) पैकेटबंद खाद्य पदार्थ, खुदरा वस्तुएं और दवाइयों सहित प्रमुख वस्तुओं की कीमतों की निगरानी कर रहा है। सरकार 22 सितंबर, 2025 को संशोधित दरें लागू होने से पहले और बाद की कीमतों की तुलना कर रही है।
        सरकार के अनुसार, अब तक प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि कई क्षेत्रों में जीएसटी दरों में कटौती के बाद "इसका लाभ अंतिम उपभोक्ताओं तक ठीक से पहुंचाया गया है"। सीबीआईसी ने प्रमुख व्यापार संघों और उद्योग समूहों के साथ बैठकें करके दरों में कटौती से उत्पन्न कर अनुपालन दायित्वों को उजागर किया था और उनसे उपभोक्ताओं तक इसका लाभ पहुंचाने का आग्रह किया था।
       सरकार ने दवाओं और चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी में भारी कटौती के मद्देनजर सभी निर्माताओं और विक्रेताओं को जारी दिशानिर्देशों में सभी दवाओं, फॉर्मूलेशन और चिकित्सा उपकरणों के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) को संशोधित करने का निर्देश दिया था। उपभोक्ता मामलों के विभाग ने कटौती से पहले के बिना बिके स्टॉक पर संशोधित मूल्य स्टिकर लगाने की अनुमति दी थी।
           मुनाफाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए, सरकार ने जीएसटी कटौती का  लाभ न देने वाले या उससे बचने वाले व्यवसायों की पहचान करने हेतु सीबीआईसी वेबसाइट पर जीएसटी से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (एफएक्यू) अपलोड किए हैं। ये प्रश्न उपभोक्ताओं को कर लाभों और उनका लाभ न मिलने पर शिकायत दर्ज करने के तरीके के बारे में मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उपभोक्ता राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) या आईएनजीआरएएएम पोर्टल पर शिकायतें दर्ज कर रहे हैं। शिकायतों पर दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर उचित कार्रवाई की जा रही है।
     जीएसटी दर के युक्तिकरण और सरकार द्वारा कम कर व्यवस्था पर अमल करने की प्रतिबद्धता के बारे में करदाताओं और उपभोक्ताओं को सूचित करने के लिए समाचार पत्रों, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से प्रचार अभियान चल रहे हैं।