केंद्रीय जीएसटी विभाग ने पुणे स्थित देश की अग्रणी दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी बजाज ऑटो लिमिटेड पर भारी जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना क्लस्टर के जीएसटी वर्गीकरण के मुद्दे पर लगाया गया है। इस मामले में अनियमितताएं पाए जाने पर जीएसटी संयुक्त आयुक्त ने कंपनी पर 10 करोड़ रुपये का जीएसटी जुर्माना लगाया है। जुर्माने के साथ-साथ कंपनी को ब्याज भी देना होगा। कंपनी केंद्रीय कर अधिकारियों के इस निर्णय को अदालत में चुनौती दे सकती है, क्योंकि वह इस कार्रवाई से सहमत नहीं है।
कंपनी ने कहा है कि केंद्रीय जी.एस.टी., पुणे - ॥ आयुक्तालय के संयुक्त आयुक्त ने निर्णय लिया कि जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के लिए उपकरण समूहों को एचएसएन कोड 8708/8714 के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाना चाहिए। हालाँकि, उक्त बजाज ऑटो कंपनी एचएसएन कोड 9029 का उपयोग कर रही थी।
इसके चलते जीएसटी संयुक्त आयुक्त ने कंपनी को 10,03,91,402 रुपये की जीएसटी फरक की राशी चुकाने का आदेश दिया। हालाँकि, यह राशि कंपनी द्वारा पहले ही चुका दी गई थी, इसलिए इसे समायोजित कर दिया गया। इसके अलावा कंपनी पर ब्याज तथा 10,03,91,402 रुपये का और जुर्माना लगाया गया है।
कंपनी इस निर्णय को चुनौती देगी। कंपनी ने कहा, "हमारा मानना है कि संयुक्त आयुक्त द्वारा पारित आदेश उचित नहीं है और उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। इसके अलावा, संयुक्त आयुक्त द्वारा पारित आदेश कंपनी द्वारा कारण बताओ नोटिस के खिलाफ दायर रिट याचिका का भी उल्लंघन है, जो पहले से ही बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रलंबित है।" बजाज ऑटो ने कहा कि आदेश के खिलाफ "उचित कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी"। जुर्माने का कंपनी के कारोबार पर कोई महत्वपूर्ण वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा।