केंद्रीय जीएसटी द्वारा रू. 5000 करोड़ के जीएसटी घोटालेका पर्दाफाश - पुणे में सबसे बड़ी कार्रवाई - 246 फर्जी कंपनियां द्वारा कर चोरी

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केंद्रीय जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई), पुणे विभागीय कार्यालय ने एक बड़े जीएसटी घोटाले का खुलासा किया है और लगभग 5000 करोड़ के इस कर चोरी मामले का मुख्य मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
जीएसटी की जांच टीम ने पुणे, मुंबई के साथ-साथ गुजरात के राजकोट, भावनगर इलाके में भी कार्रवाई की  जांच से पता चला कि अशरफ कलावाडिया, पठान एंटरप्राइजेज और अन्य फर्जी नामों के तहत रैकेट चला रहा था। टीम ने कलावाडिया को मीरा भायंदर इलाके के एक लॉज से पकड़ लिया। उसके पास से 21 मोबाइल सेट, दो लैपटॉप, 11 सिम कार्ड, डेबिट कार्ड, चेक बुक, विभिन्न कंपनियों के नाम की रबर स्टांप जब्त की गईं।
कलवाडिया को गिरफ्तार कर पुणे की शिवाजीनगर अदालत में पेश किया गया। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दियाजीएसटी कर चोरी के लिए कलावाडिया ने नितिन बर्गे, फैजल मेवावाला, अमित सिंह, जितेंद्र गोहेल, कौरी मकवाना, राहुल बरैया और अन्य लोगोंके साथ मिलकर साजिश रची। उन्होंने जीएसटी टैक्स से बचने के लिए फर्जी नामों से 246 कंपनियां स्थापित कीं।आरोपियों ने कारोबारियों से पैसे लेकर फर्जी दस्तावेजों के जरिए टैक्स चोरी की है । सूत्रों के अनुसार सितंबर 2018 से मार्च 2024 तक आरोपियों ने सरकार को पांच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का चूना लगाया है।