कोल्हापूर मे 100 करोड की जीएसटी चोरी का पर्दाफाश - दूधवाले,स्क्रैप डीलर तथा ड्रायव्हर के नाम पर फर्जी जीएसटी पंजीकरण आया सामने!

GST 4 YOU
केंद्रीय जीएसटी खुफिया एजेंसी डिजीजीआय की कोल्हापूर इकाई ने  महाराष्ट्र में  सोलापूर स्थित एक  वकील पर फर्जी कंपनियों के द्वारा खरीद और बिक्री चालान प्रस्तुत करके लगभग 100 करोड़ रुपये के माल और सेवा कर (जीएसटी) की चोरी करने का आरोप लगाया है। साजिद अहमद शेख (उम्र 46, निवासी सोलापुर) को गुरुवार को केंद्रीय जीएसटी खुफिया एजेंसी की एक टीम ने गिरफ्तार किया। जब उन्हें कोल्हापुर जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया गया तो उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। खुफिया अधिकारियों के नुसार वह पिछले चार वर्षों से कर चोरी करके सरकार को धोखा दे रहा था।  सोलापुर स्थित एड. साजिद शेख ने 30 फर्जी कंपनियां शुरू की थीं। इसके जरिए वह सीमेंट और सरिया खरीदने-बेचने के दस्तावेजी लेन-देन दिखा रहा था। वह अपने बिल जीएसटी विभाग में जमा करता था और उन पर रिफंड का लाभ उठाता था। 
        केंद्रीय जीएसटी खुफिया अधिकारियों की एक टीम ने दो महीने पहले सोलापुर में शेख के कार्यालय पर छापा मारा था, क्योंकि उन्हें संदेह था कि वह बिना माल बेचे ही फर्जी बिलों के आधार पर कर चोरी कर रहा था। एक ही दिन में उनकी 12 कंपनियों की जांच की गई। इसमें करीब 50 करोड़ रुपए की कर चोरी का खुलासा हुआ था।अधिकारियों का अनुमान है कि 18 अन्य कंपनियों सहित कर चोरी की रकम 100 करोड़ रुपये से अधिक होगी।
    एजेंसी अधिकारियों  ने शेख को नोटिस भेजकर सरकार को गुमराह करने और कर चोरी करने के आरोप में कोल्हापुर बुलाया था। खुफिया अधिकारियों ने सोलापुर में शेख के कार्यालय पर छापा मारा और कंप्यूटर, मोबाइल फोन और दस्तावेज जब्त किए थे। इसमें फर्जी कंपनियों की खरीद-बिक्री के लेन-देन से जुड़े दस्तावेज अधिकारियों के हाथ लगे हैं।  आधिक जांच मे इस  अपराध का दायरा स्पष्ट हो जाएगा।
     जांच मे शेख ने बताया कि उसने कबाड़ विक्रेता, दूध विक्रेता और ट्रक ड्राइवर जैसे लोगों के नाम पर कंपनियां शुरू की हैं। शेख स्वयं अपने नाम से खोले गए बैंक खाते का उपयोग करता था। खुफिया अधिकारियों ने उनमें से बारह  लोगों के बयान दर्ज किये हैं। शेष अठार ह के जवाब जल्द ही दर्ज किये जायेंगे।
    उसे गुरुवार को केंद्रीय जीएसटी कार्यालय से गिरफ्तार किया गया। जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश करने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।  वरिष्ठ खुफिया अधिकारी अभिजीत भिसे, खुफिया अधिकारी वरुण सिंह, अतुल कुमार जायसवाल द्वारा ये कार्रवाई की गई।