क्लबों/संगठनों द्वारा अपने सदस्यों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर जीएसटी देय नहीं- मा.केरल उच्च न्यायालय

GST 4 YOU
मा.केरल उच्च न्यायालय ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में जीएसटी अधिनियम की धारा 7 (1) (एए) को असंवैधानिक घोषित किया और फैसला सुनाया कि क्लबों/संगठनों द्वारा अपने सदस्यों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर कोई जीएसटी देय नहीं है।
       दो न्यायाधीशों की पीठ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) द्वारा दायर रिट अपील को स्वीकार कर लिया है और वित्त अधिनियम, 2021 के तहत धारा 7(1)(एए) में इसे सम्मिलित करके जीएसटी अधिनियम, 2017 में किए गए संशोधनों की संवैधानिक वैधता को रद्द कर दिया है।
       भारतीय चिकित्सा संघ की केरल राज्य शाखा ने अपने सदस्यों को प्रदान की गई सेवाओं पर कर वसूलने के लिए जीएसटी खुफिया महानिदेशालय द्वारा कार्रवाई की आशंका जताते हुए रिट याचिका दायर की थी।
     याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि वह अपने सदस्यों को सेवाएं प्रदान करने के लिए कर भुगतान करने हेतु उत्तरदायी नहीं है। उन्हें सम्मन जारी कर वित्तीय वर्ष 2017-18 से 2021-22 के लिए जीएसटी अधिनियम के तहत अपने पंजीकरण के बारे में जानकारी, साथ ही अपने लेखापरीक्षित खाता बही और अन्य वित्तीय दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया था। इसलिए, उन्हें कर वसूली के लिए बलपूर्वक कार्रवाई का डर था।
      अब माननीय अदालत के उक्त निर्णय के अनुसार भारतीय चिकित्सा संघ के सदस्य डॉक्टरों को प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर जीएसटी  लगाया नहीं जा सकता।