सभी क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के तेज़ी से बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) पाठ्यक्रम में एआई को शामिल करने का निर्णय लिया है। आईसीएआई के अध्यक्ष चरणज्योतसिंह नंदा ने कहा कि इस निर्णय के साथ, 2027 के बाद नियुक्त होने वाले सीए 'एआई प्रशिक्षित' होंगे। वे पुणे में आईसीएआई द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन 'एआई इनोवेशन समिट 2025' के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। इस अवसर पर आईसीएआई के उपाध्यक्ष प्रसन्न कुमार डी., सचिव डॉ. जयकुमार बत्रा, पुणे शाखा के अध्यक्ष सचिन मिनियार, एआई समिति के अध्यक्ष उमेश शर्मा, डब्ल्यूआईआरसी के अध्यक्ष केतन सैय्या, और दयानिवास शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
नंदा ने आगे कहा कि आईसीएआई ने छात्रवृत्ति राशि को 100 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये कर दिया है। यह छात्रवृत्ति मेधावी, ज़रूरतमंद और आर्थिक रूप से वंचित छात्रों के लिए है।
नंदा ने बताया कि इसके लिए आईसीएआई के अंतर्गत एक अलग एआई समिति गठित की गई है और अब तक 500 से अधिक प्रशिक्षण कक्षाओं से 25,000 से अधिक पंजीकृत सीए को एआई का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आने वाले समय में चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को न केवल पारंपरिक ऑडिटिंग, बल्कि डेटा एनालिटिक्स, ऑटोमेशन और तकनीक आधारित समाधानों में भी विशेषज्ञता की आवश्यकता होगी। इसके अलावा आईसीएआई हैदराबाद समेत देश भर में नौ शोध केंद्र शुरू कर रहा है। पुणे में एक विशेष केंद्र स्थापित होने जा रहा है। प्रसन्ना कुमार ने कहा कि एआई हमारे पेशे का अभिन्न अंग बन गया है और 'एआई' को अपनाए बिना कोई नहीं है। लाखों चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और सीए छात्र नए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका और अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है। आईटी विशेषज्ञ डॉ. दीपक शिकारपूर तथा ओपन सोर्स पब्लिक पॉलिसी अँड पार्टनरशिप हेड प्रज्ञा मिश्रा ने अधिक जानकारी दी।नेहा फडके तथा प्रज्ञा बंब ने सूत्रसंचालन किया।