कंपनी द्वारा 7 अक्टूबर, 2025 को बीएसई और एनएसई में दाखिल किए गए खुलासे के अनुसार, कर अधिकारियों ने लागू ब्याज के साथ 3.52 करोड़ रुपये का कर और 35.18 लाख रुपये का जुर्माना मांगा है।
विभाग ने कंपनी द्वारा फॉर्म जीएसटीआर-3बी में दी गई आईटीसी और फॉर्म जीएसटीआर-2ए में दर्शाई गई आईटीसी के बीच विसंगति देखी। जीएसटीआर-2ए में आपूर्तिकर्ताओं द्वारा अपलोड किए गए कर के आंकड़े शामिल होते हैं।
बजाज ऑटो ने कहा कि उन्होंने जीएसटी अधिनियम के तहत निर्धारित सभी शर्तों को पूरा करने के बाद इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाया है। कंपनी ने यह भी कहा कि वह इस आदेश के खिलाफ अपील दायर करेगी क्योंकि उसे लगता है कि कर की मांग तथ्यों पर आधारित नहीं है। कंपनी ने स्पष्ट किया कि इस आदेश का उसके परिचालन या खातों पर कोई बड़ा वित्तीय प्रभाव नहीं पड़ेगा।
इनपुट टैक्स क्रेडिट पर ये विवाद आम हैं, क्योंकि आपूर्तिकर्ताओं द्वारा दाखिल रिटर्न में विसंगति या डेटा अपडेट में देरी के कारण GSTR-3B और GSTR-2A के बीच विसंगतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं। कंपनियाँ अक्सर ऐसे दावों को अपीलीय प्राधिकारियों के समक्ष चुनौती देती हैं।