साइबर धोखाधड़ी के बड़े मामले में, शनिवार को दिल्ली के आईजी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उत्तराखंड पुलिस की साइबर यूनिट ने अभिषेक अग्रवाल नाम के एक चार्टर्ड अकाउंटेंट को गिरफ्तार किया। उसके खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया।
जांचकर्ताओं का कहना है कि अग्रवाल ने फर्जी ऐप बनाने में मुख्य भूमिका निभाई, जिसमें कथित तौर पर फर्जी कंपनियों के नेटवर्क के जरिए 750 करोड़ रुपये से अधिक ट्रांसफर किए गए। करीब 35-40 ऐसी फर्जी कंपनियां शुरू की गईं, जिनमें से कई उसके और उसकी पत्नी के नाम पर पंजीकृत थीं। इनमें से कुछ संस्थाओं में चीनी नागरिकों को सह-निदेशक के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया था, जिससे कंपनी के भारत के बाहर के लिंक का पता चला।
यह नेटवर्क 'इंस्टा लोन', 'रूपीगो' और 'लेंडकर' जैसे 15 से ज़्यादा धोखाधड़ी वाले मोबाइल ऐप द्वारा चलाया जा रहा था। इस ऑपरेशन से पहले गुरुग्राम में एक और कथित मुख्य व्यक्ति अंकुर ढींगरा की गिरफ़्तारी हुई थी। महाराष्ट्र के एक केंद्र पर भी छापा मारकर महत्वपूर्ण सिम बॉक्स जब्त किए गए थे।