माननीय न्यायाधीश ने पाया कि सीएसजीटी अधिनियम के तहत नोटिस जारी करने से पहले आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ कोई कार्यवाही शुरू नहीं की गई थी। इसके परिणामस्वरूप विभाग, धारा 42 में निहित वैधानिक आवश्यकताओं का पालन करने में विफल रहा है।
इस मामले में, करदाता द्वारा खरीदे गए कुछ सामान आपूर्तिकर्ताओं द्वारा जारी किए गए चालान में शामिल हैं। करदाता के अनुसार, उक्त अधिनियम के प्रावधानों के तहत आवश्यक उचित कर चालान हैं। साथ ही, इस मामले में, आपूर्तिकर्ताओं ने करदाता से कर वसूल किया है। करदाता ने अपना रिटर्न जमा किया था और चालान के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा किया था। हालांकि, आपूर्तिकर्ताओं ने रिटर्न में संबंधित चालान के अनुसार करदाता को की गई आपूर्ति का विवरण नहीं दिया और उस पर एकत्र कर का भुगतान नहीं किया। माननीय पीठ ने सनक्राफ्ट एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड बनाम सहायक राज्य कर आयुक्त, बल्लीगंज के मामले का उल्लेख किया, जहां यह देखा गया कि करदाता के खिलाफ ऐसी कार्रवाई आवश्यक होगी जब विभाग यह दिखा सके कि प्राप्त कर्ता - करदाता और विक्रेता- आपूर्तिकर्ता मिलीभगत से काम कर रहे थे।
इस मामले में, माननीय पीठ ने यह विचार व्यक्त किया कि आपूर्तिकर्ता को नोटिस जारी करने से पहले करदाता के विरुद्ध शुरू की गई कार्यवाही टिकाऊ नहीं है। उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए, पीठ ने याचिका स्वीकार कर ली।